रांची. झारखंड का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय रांची विश्वविद्यालय अपने गौरवशाली इतिहास और शैक्षणिक परंपराओं के लिए जाना जाता है, लेकिन वर्तमान में यह गंभीर शिक्षक संकट का सामना कर रहा है. यहां करीब एक लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जबकि सीधी नियुक्ति (डायरेक्ट रिक्रूटमेंट) के 1144 स्वीकृत शिक्षकों के पदों में से 731 पद खाली हैं.
विश्वविद्यालय में सीधे नियुक्त प्रोफेसरों की स्थिति बेहद चिंताजनक है. कुल 47 प्रोफेसर के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से केवल एक पद भरा हुआ है, वह भी संस्कृत विषय में. बाकी 46 पद खाली हैं. एसोसिएट प्रोफेसर की स्थिति और भी खराब है. 120 स्वीकृत पदों में एक भी सीधी नियुक्ति नहीं हुई है. जो कार्यरत हैं, वे सभी प्रोन्नति पाकर पहुंचे हैं. असिस्टेंट प्रोफेसर के 977 स्वीकृत पदों में से 565 पद खाली हैं और केवल 412 कार्यरत हैं.
शिक्षक संकट के कारण कई विषयों में नीड बेस्ड टीचर से पढ़ाई करवाई जा रही है. यह स्थिति उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा करती है.
जेपीएससी से वर्ष 2008 में शिक्षकों की सीधी नियुक्ति हुई थी. इसके बाद 2018 और 2021 में भी कुछ पद भरे गए, लेकिन आज भी सैकड़ों सीटें रिक्त हैं. पूरे राज्य के विश्वविद्यालयों में 4404 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन 2008 के बाद से कई शिक्षकों को एक भी प्रोन्नति नहीं मिली है.
रांची विश्वविद्यालय : सीधे नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थिति
विषय | असिस्टेंट प्रोफेसर (स्वीकृत/कार्यरत) | एसोसिएट प्रोफेसर (स्वीकृत/कार्यरत) | प्रोफेसर (स्वीकृत/कार्यरत) |
---|---|---|---|
हो | 60 / 29 | 4 / 0 | 2 / 0 |
अंग्रेजी | 55 / 24 | 6 / 0 | 3 / 0 |
नागपुरी | 28 / 10 | 2 / 0 | 1 / 0 |
संस्कृत | 32 / 16 | 2 / 0 | 1 / 1 |
खोरखा | 08 / 07 | 2 / 0 | 1 / 0 |
उर्दू | 26 / 04 | 3 / 0 | 1 / 0 |
पंचपरजानिया | 07 / 00 | 2 / 0 | 1 / 0 |
बगा | 17 / 08 | 2 / 0 | 1 / 0 |
कुरमाली | 11 / 02 | 2 / 0 | 1 / 0 |
कुडुख | 27 / 10 | 2 / 0 | 1 / 0 |
दर्शनशास्त्र | 41 / 20 | 4 / 0 | 2 / 0 |
गुडारी | 34 / 19 | 2 / 0 | 1 / 0 |
इतिहास | 60 / 13 | 8 / 0 | 2 / 0 |
खड़िया | 10 / 06 | 2 / 0 | 1 / 0 |
अर्थशास्त्र | 52 / 26 | 3 / 0 | 2 / 0 |
संताली | 02 / 02 | 2 / 0 | 1 / 0 |
राजनीतिशास्त्र | 60 / 26 | 4 / 0 | 2 / 0 |