Ranchi : झारखंड की राजनीति में बड़ा झटका देते हुए CBI की विशेष अदालत ने राज्य के पूर्व मंत्री एनोस एक्का समेत 10 आरोपियों को छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम (CNT ACT) का उल्लंघन कर जमीन खरीदने-बेचने के मामले में दोषी करार दिया है. यह मामला लगभग 15 साल पुराना है. दोषी पाए गए सभी आरोपियों को 30 अगस्त, शनिवार को सजा सुनाई जाएगी. फिलहाल उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार भेज दिया गया है.
क्या है मामला ?
एनोस एक्का पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग कर आदिवासी जमीनों की खरीद-फरोख्त की. इसके लिए उन्होंने फर्जी पते का इस्तेमाल किया. CBI जांच में सामने आया कि मार्च 2006 से मई 2008 के बीच उन्होंने पत्नी मेनन एक्का के नाम से हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़ से अधिक, नेवरी (रांची) में 4 एकड़ से अधिक और चुटिया के सिरम मौजा स्टेशन रोड में 9 डिसमिल जमीन खरीदी थी.
इस पूरे खेल में तत्कालीन भूमि अभिलेख उप समाहर्ता (LRDC) कार्तिक कुमार प्रभात समेत कई लोगों ने सहयोग किया. इसी आधार पर अदालत ने एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का, कार्तिक कुमार प्रभात, राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर, ब्रजेश मिश्रा, अनिल कुमार, मनीलाल महतो, परशुराम केरकेट्टा और ब्रजेश्वर महतो को दोषी ठहराया है.
एक आरोपी बरी
इस मामले में कुल 11 आरोपी थे. इनमें से एक राजस्व कर्मचारी गोवर्धन बैठा को अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. उनके अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह महाराणा ने बताया कि अदालत ने उन्हें निर्दोष पाते हुए मुक्त कर दिया है.