पटना: बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुए करीब नौ साल हो गए, लेकिन इसके उल्लंघन के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. अब सिर्फ शराब माफिया ही नहीं, बल्कि जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी भी इस कानून को मजाक बना रहे हैं. ताजा मामला सारण जिले का है, जहां एफसीआई गोदाम में देर रात शराब पार्टी का भंडाफोड़ हुआ और इसमें केंद्र सरकार के एक अधिकारी समेत पांच लोग गिरफ्तार किए गए.
रविवार देर रात मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एफसीआई गोदाम में चल रही पार्टी की भनक पुलिस को गुप्त सूत्रों से लगी. टीम बनाकर छापेमारी की गई तो वहां अफरातफरी मच गई. कुछ लोग भागने लगे, लेकिन पुलिस ने एफसीआई के सहायक महाप्रबंधक समेत पांच लोगों को मौके से दबोच लिया.
मौके से शराब की कई बोतलें और खानपान का सामान बरामद हुआ. गिरफ्तार सभी आरोपियों को मेडिकल जांच के लिए छपरा सदर अस्पताल भेजा गया, जहां रिपोर्ट में उनके शराब पीने की पुष्टि हुई है. पुलिस ने उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर सभी को न्यायालय में पेश कर दिया.
बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी का उद्देश्य नशामुक्त समाज बनाना था. लेकिन लगातार हो रहे ऐसे मामले न केवल कानून की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि कानून तोड़ने वालों में अब आम अपराधियों के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारी भी शामिल हैं. इससे सरकार के सख्त संदेश और शराबबंदी की साख दोनों को चोट पहुंच रही है.