बंगाल में क्या न्यायपालिका को डराने की कोशिश की जा रही है !

कलकत्ता : हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की अदालत के बाहर लगातार हो रहे हंगामे पर जस्टिस अभिजीत गांगुली प्रतिक्रिया दी है कि राज्य में न्यायपालिका को डराने की कोशिश की जा रही है. पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले पर अपने फैसलों और टिप्पणियों को लेकर न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय चचा में रहे हैं.

जस्टिस मंथा के खिलाफ हुए प्रदर्शन का मामला हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव तक पहुंच गया है. सूत्रो के अनुसार   चीफ जस्टिस ने इस घटना के फोटो और वीडियो सुरक्षित रखने का आदेश जारी किया है. प्रदर्शन कर रहे वकील जस्टिस मंथा के कुछ आदेशों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इसमें दिसंबर में भाजपा विधायक व विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से जुड़ा मामला भी शामिल है.  अपने फैसले में जस्टिस मंथा ने शुभेंदु अधिकारी को राज्य पुलिस से संरक्षण दिया था.  साथ ही भाजपा नेता शुभेंदुके खिलाफ दर्ज सभी  FIR पर भी रोक लगा दी थी.

कोलकाता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस प्रदर्शन से पल्ला झाड़ लिया है. अध्यक्ष अरुणाभ घोष ने कहा कि इस आंदोलन से एसोसिएशन का कोई लेना-देना नहीं है.   कहा  कि हमने मुख्य न्यायाधीश को भी इस स्थिति से अवगत करा दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली (सेवानिवृत्त) ने कलकत्ता हाईकोर्ट के हाल के घटनाक्रम की आलोचना की है. कहा कि देश की महान न्याय व्यवस्था इतनी कमजोर नहीं है कि उस पर कुछ उपद्रवी तत्वों की ऐसी हरकतों से प्रभाव पड़े. जान लें कि जस्टिस मंथा की बेंच से जुड़े घटनाक्रम पर सियासी घमासान छिड़ गया है.

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी सांसद दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि न्यायपालिका को गलत कामों और भ्रष्ट गतिविधियों के लिए प्रमुख बाधा बनते देखकर TMC अब कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीशों पर हमला कर रही है. लेकिन दिलीप घोष के दावों को नकारते हुए तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा कि उनकी पार्टी का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.

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