देवघर. झारखंड के देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में कथित रूप से जबरन प्रवेश करने के आरोप में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ थाने में शुक्रवार को FIR दर्ज की गई थी. इसके बाद सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी गिरफ्तारी देने का ऐलान किया था. शनिवार को निशिकांत दुबे एयरपोर्ट से सीधे थाने में गिरफ्तारी देने पहुंच गए. हालांकि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से मना कर दिया.
मैं भगोड़ा नहीं हूं-दुबे
इस दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मैं भगोड़ा नहीं हूं. मेरे और मेरी पत्नी के खिलाफ ये 51वां मामला है. इस मामले में मेरे बड़े बेटे, मेरे भाई, पिता और मां के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है. मैं इस मामले से दुखी हूं. प्रशासन जितनी बार मेरे खिलाफ मुक़दमे दर्ज करेगा, मैं उतनी बार सरेंडर करूंगा.
उन्होंने आगे कहा कि अगर क़ानून में कोई प्रावधान है, तो पुलिस मुझे गिरफ़्तार करे. वो कह रहे हैं कि मैंने धार्मिक भावनाएं भड़काई हैं. इरफ़ान अंसारी अगर यहां पूजा करते हैं, तो सब ठीक है. एसपी ईसाई हैं, वो यहाँ पूजा करते हैं, तो भी सब ठीक है. लेकिन अगर कोई हिंदू कांवड़ यात्रा लाता है, तो क्या इससे धार्मिक भावनाएं भड़कती हैं?
मैं यहां का बेटा हूं-बीजेपी सांसद
बीजेपी सांसद दुबे ने कहा कि मैं मंदिर ट्रस्टी, तीर्थ पुरोहित, देवघर में पैदा हुआ हूं. मैं यहां का बेटा हूं. केस करने वाले किस आधार पर गर्भगृह के अंदर थे यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी के नेतृत्व में झारखंड बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ पंडा धर्मरक्षिणी सभा के कार्तिकनाथ ठाकुर ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बीजेपी सांसदों पर वैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसने का आरोप लगाया था. शिकायत में कहा कि श्रावणी मेले के दौरान मंदिर में वीवीआईपी दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर रोक थी.
इसके बावजूद 2 अगस्त को मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे, उनके पुत्र कनिष्ककांत दुबे, दोनों सांसदों के पीए और देवघर के कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया. निकास द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की गई, जिससे मंदिर परिसर में भगदड़ जैसी अफरातफरी मच गई.