NEW DELHI : गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. इस याचिका में प्लेन क्रैश की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है. इसे लेकर केंद्र को नोटिस जारी किया गया है. इसके साथ ही, कोर्ट ने टिप्पणी की कि इस घटना को महज ‘पायलट की गलती’ करार देना दुर्भाग्यपूर्ण है.
इसके साथ ही, कोर्ट ने टिप्पणी की कि इस घटना को महज ‘पायलट की गलती’ करार देना दुर्भाग्यपूर्ण है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें पायलटों को ही हादसे का दोषी ठहराया गया था. यह बात तेजी से फैल गई. जबकि, पायलट बहुत अनुभवी है.
प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि पीड़ित परिवार और पूर्व पायलटों को डर है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में लिखी गई एक पंक्ति, जिसमें पायलट एरर की ओर इशारा किया गया. उसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने जल्दबाजी में फैलाया. उन्होंने कहा कि इस मामले को गोपनीय रखना अब उचित नहीं है, क्योंकि पायलट और चालक दल के सभी सदस्य हादसे में जान गंवा चुके हैं.
दरअसल, रिपोर्ट में कैप्टन सुमीत सबरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के बीच बातचीत का रिकॉर्ड था. कॉकपिट में एक पायलट ने कहा, ‘तुमने इसे कट क्यों किया?’ इस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया- मैंने नहीं किया. इसी आधार पर पायलट को दोषी ठहराते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की थी.